माटी चुन चुन महल बनाया,
लोग कहें घर मेरा ।
ना घर तेरा, ना घर मेरा ,
चिड़िया रैन बसेरा ।
कौड़ी कौड़ी माया जोड़ी,
जोड़ भरेला थैला ।
कहत कबीर सुनो भाई साधो,
संग चले ना धेला ।
उड़ जाएगा हंस अकेला!!!
*जग दो दिन का मेला!!
???????? वो नकाब लगा कर खुद को इश्क से महफूज समझते रहे ;. ???????????????? नादां…
????तेरा नाम ही ये दिल रटता है, ना जाने तुम पे ये दिल क्यू मरता…
पूरे की ख्वाहिश में इंसान बहुत कुछ खोता है , भूल जाता है कि आधा…
????????क्यो ना गुरूर करू मै अपने आप पे.. . मुझे उसने चाहा जिसके चाहने वाले…
झूम????लूं तेरी ????ही बाँहों में एक ☝???? खुशी ????बनकर,???????????? जो मिल ????जाए तू…
*वक़ील की जिंदगी के भी अजीब फ़साने है* *यहां तीर भी चलाने है और परिंदे…