सम्बन्ध को जोड़ना
एक कला है,
लेकिन
“सम्बन्ध को निभाना”
एक साधना है
जिंदगी मे हम कितने सही और कितने गलत है,
ये सिर्फ दो ही शक्स जानते है..
“ईश्वर “और अपनी “अंतरआत्मा”
*और हैरानी की बात है कि दोनों नजर नहीं आते…
???? सुप्रभात????
????आप का दिन शुभ हो????
???????? वो नकाब लगा कर खुद को इश्क से महफूज समझते रहे ;. ???????????????? नादां…
????तेरा नाम ही ये दिल रटता है, ना जाने तुम पे ये दिल क्यू मरता…
पूरे की ख्वाहिश में इंसान बहुत कुछ खोता है , भूल जाता है कि आधा…
????????क्यो ना गुरूर करू मै अपने आप पे.. . मुझे उसने चाहा जिसके चाहने वाले…
झूम????लूं तेरी ????ही बाँहों में एक ☝???? खुशी ????बनकर,???????????? जो मिल ????जाए तू…
*वक़ील की जिंदगी के भी अजीब फ़साने है* *यहां तीर भी चलाने है और परिंदे…