निंदा” से घबराकर अपने “लक्ष्य” को ना छोड़े क्योंकि….”लक्ष्य” मिलते ही निंदा करने वालों की “राय” बदल जाती है।*

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*”निंदा” से घबराकर अपने “लक्ष्य” को ना छोड़े क्योंकि….”लक्ष्य” मिलते ही निंदा करने वालों की “राय” बदल जाती है।*
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“कोशिश”
आखिरी सांस तक करनी चाहिए,
या तो “लक्ष्य” हासिल होगा
या “अनुभव”

*”चीजें दोनों ही अच्छी है।”*
???? *Good Morning* ????

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