गैर मुकम्मल सी है ये जिंदगी और वक्त की बेतहाशा है रफ्तार ।
रात इकाई, नींद दहाई, ख्वाब सैकडा, दर्द हजार,
लेकिन फिर भी जिंदगी मजेदार ।
प्यार-एहसास, हँसी-बदमाशी और शरारत बनाए रखिये…
खुद में ज़रा सा बच्चा, हर हाल में बचाए रखिये…।
गैर मुकम्मल सी है ये जिंदगी और वक्त की बेतहाशा है रफ्तार ।
रात इकाई, नींद दहाई, ख्वाब सैकडा, दर्द हजार,
लेकिन फिर भी जिंदगी मजेदार ।
प्यार-एहसास, हँसी-बदमाशी और शरारत बनाए रखिये…
खुद में ज़रा सा बच्चा, हर हाल में बचाए रखिये…।
???????? वो नकाब लगा कर खुद को इश्क से महफूज समझते रहे ;. ???????????????? नादां…
????तेरा नाम ही ये दिल रटता है, ना जाने तुम पे ये दिल क्यू मरता…
पूरे की ख्वाहिश में इंसान बहुत कुछ खोता है , भूल जाता है कि आधा…
????????क्यो ना गुरूर करू मै अपने आप पे.. . मुझे उसने चाहा जिसके चाहने वाले…
झूम????लूं तेरी ????ही बाँहों में एक ☝???? खुशी ????बनकर,???????????? जो मिल ????जाए तू…
*वक़ील की जिंदगी के भी अजीब फ़साने है* *यहां तीर भी चलाने है और परिंदे…