केंद्र सरकार ने घरेलू गैस उपभोक्ताओं को गैस सिलेंडर पर सब्सिडी की सुविधा दी है। उन्हें पूरे रेट पर सिलेंडर खरीदना होता है, जिसके बाद सब्सिडी सीधे उपभोक्ताओं के बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी जाती है।
लाखों उपभोक्ताओं को सब्सिडी मुहैया कराई जा रही है। कई लोग हालांकि सब्सिडी खाते में न आने या किसी और के खाते में आने की समस्या झेलते हैं।
रसोई गैस सब्सिडी क्या है। मित्रों, सामान्य शब्दों में कहें तो सब्सिडी का एक सीधा सा अर्थ है-आर्थिक सहायता। सरकार उर्वरक, पेट्रोलियम पदार्थ आदि पर सब्सिडी देती है।
ज्यादातर किसानों, उद्योगों और अन्य उपभोक्ताओं (निर्धन) को दिए जाने का प्रावधान किया गया है। डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर यानी डीबीटी के तहत लोगों के खातों में इसका पैसा ट्रांसफर किया जाता है।
केंद्र पेट्रोलियम सब्सिडी के साथ ही केरोसिन और एलपीजी सब्सिडी का भी आवंटन करती है। कोई भी व्यक्ति जिसकी सालाना 10 लाख या उससे कम है, वह सब्सिडी का हकदार है।
घरेलू उपभोक्ताओं को एक साल में 12 सिलेंडर पर सब्सिडी मिलती है। इससे ज्यादा खरीदने पर बाजार भाव से भुगतान करना होता है। आपको बता दें कि अभी तक प्रत्येक सिलेंडर पर 291.48 रुपये सब्सिडी मिल रही थी, जिसे बढ़ाकर 312.48 रुपये कर दिया गया है।
यदि आपके बैंक एकाउंट में सब्सिडी नहीं पहुंच रही है तो इसके लिए आप पेट्रोलियम मंत्रालय से सीधे शिकायत कर सकते हैं। इसके लिए मंत्रालय की ओर से एक टोल फ्री नंबर 18002333555 जारी किया गया है।
यदि आपकी सब्सिडी की रकम किसी और के खाते में जा रही हो तो भी आप कतई परेशान न हों। आप इस संबंध में आनलाइन शिकायत दर्ज करा सकते हैं। आफलाइन तरीके से एजेंसी जाकर भी आप अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
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