भारत में पुरातन काल से जहां कन्या को देवी का दर्जा दिया गया है, वहीं, महिलाएं पति को देवता का दर्जा देती आई हैं। ऐसी कई कथाएं भी प्रचलित हुईं हैं,
जिन्होंने पति को परमेश्वर के रूप में प्रतिस्थापित करने में सहायता की है। आप भारत का सिनेमा उठाकर देख लीजिए, ‘नसीब अपना अपना’ जैसी तमाम फिल्में हैं, जो पति को देवता के रूप में प्रतिस्थापित करती हैं।
यही वजह है कि जब पति यौन हिंसा पर उतर आता है तो अधिकांश महिलाएं अपना मुंह सिल लेती हैं। एक दिक्कत यह भी है कि अधिकांश महिलाएं वित्तीय रूप से पति पर निर्भर हैं।
दूसरे, जो महिलाएं आवाज उठाना चाहती हैं, उन्हें समाज में अच्छी नजर से नहीं देखा जाता।
आपको बता दें कि धारा (section) 375 के अनुसार किसी भी स्त्री से उसकी सहमति के बगैर जबरन शारीरिक संबंध स्थापित करने को दुष्कर्म कहा जाता है। इसे अंग्रेजी में रेप (rape) भी पुकारा जाता है।
यदि दुष्कर्म में एक से अधिक लोग शामिल हों तो इसे सामूहिक दुष्कर्म कहा जाता है। आपको बता दें कि दुष्कर्म को सबसे घिनौने जुर्म में शुमार किया जाता है। इसकी सजा न्यूनतम 10 वर्ष है और अधिकांश मामलों में उम्र कैद या फांसी तक भी हो सकती है।
अब जान लेते हैं कि वैवाहिक दुष्कर्म क्या होता है? (What is marital rape?) मित्रों, यदि सामान्य शब्दों में कहा जाए तो पत्नी की सहमति के बगैर (without wife’s consent) पति का जबरन शारीरिक संबंध कायम करना वैवाहिक दुष्कर्म होता है।
इसे अंग्रेजी में मैरिटल रेप (Marital rape) पुकारा जाता है। इसके लिए पति किसी प्रकार से बल का प्रयोग करता है। अथवा पत्नी या किसी ऐसे शख्स को जिसको लेकर पत्नी परवाह करती है, चोट पहुंचाने का डर दिखाता है।
भारत में पत्नी वैवाहिक दुष्कर्म की शिकार है तो वह पति पर यौन हिंसा का मामला दर्ज करा सकती है। वह घरेलू हिंसा कानून के अंतर्गत भी अपने पति पर यौन हिंसा का केस करा सकती है।
वैवाहिक दुष्कर्म इन हिंदी | मैरिटल रेप की धारा, सजा, नियम अधिक जानकारी के लिए नीचे लिंक पर क्लिक करें?