देश भर में इन दिनों कृषि [agriculture, farming, husbandry] कानून बेहद चर्चा में हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विवादित तीन कृषि कानून वापस लेने की घोषणा कर दी है।
उन्होंने कहा कि वे इन बिलों के बारे में किसानों को समझा नहीं पाए। अलबत्ता, वेस्ट यूपी के किसान नेता राकेश टिकैत ने एमएसपी (MSP) की गारंटी पर कानून बनने के बाद ही आंदोलन को समाप्त करने की घोषणा की है।
इन दिनों तमाम मुद्दों के बीच एमएसपी भी लोगों की जुबान पर चढ़ा हुआ है। क्या आप जानते हैं एमएसपी की फुल फाॅर्म क्या है? इसका अर्थ क्या है? किसान बिल में एमएसपी को लेकर चर्चा क्यों गरम है? यदि आप नहीं जानते तो भी कोई बात नहीं।
ज इस पोस्ट में हम आपको एमएसपी के बारे में वह सब कुछ बताएंगे, जो आपको जानना जरूरी है। आपको बस करना यह है कि इस पोस्ट को ध्यान से अंत तक पढ़ते जाना है। आइए, शुरू करते हैं
दोस्तों, आपको बता दें कि एमएसपी की फुल फाॅर्म है-मिनिमम सपोर्ट प्राइस (minimum support price) यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य। मित्रों, यह वह न्यूनतम मूल्य है, जिस पर सरकार किसानों से उनकी फसल खरीदती है।
न्यूनतम अर्थात सबसे कम। यानी किसान से खरीदे जाने वाली फसल पर उसे एमएसपी से कम भुगतान नहीं होगा।
कुल मिलाकर इससे किसानों को अपनी फसल बेचने को एक आधार मूल्य मिल जाता है। उसका भुगतान उन्हें हर स्थिति में होता है। चाहे बाजार मूल्य उससे भी कम क्यों न हों।
सरकार किसानों से अपनी खरीद एमएसपी पर ही करती है। इसका उसने एक सिस्टम विकसित किया हुआ है।