विकलांगों के लिए केंद्र और राज्य सरकार कई तरह की योजनाएं चला रही हैं। इसी कड़ी में बिहार के मुख्यमंत्री (chief minister) नीतीश कुमार ने भी विकलांगों के सशक्तिकरण के लिए बिहार विकलांग सशक्तिकरण योजना की शुरुआत की है।

यह योजना बिहार राज्य के विकलांग नागरिकों को शिक्षा, रोजगार मुहैया कराने के साथ ही वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए चलाई गयी है। इसके तहत बिहार सरकार, राज्य के विकलांग जनो को विभिन प्रकार की सुविधा उपलब्ध कराएगी।

बिहार विकलांग सशक्तिकरण योजना के अंतर्गत कई तरह के कदम उठाए गए हैं। कई प्रकार के प्रावधान उनके हित के लिए किए गए हैं। जैसे विकलांगों को लोन प्रदान किए जाने की व्यवस्था, उनके लिए विशेष स्कूल का निर्माण, उनके लिए निशुल्क बस और ट्रेन सेवा, विकलांगों के लिए छात्रवृत्ति, उनके लिए नौकरी में कोटा आदि।

योजना के तहत दिव्यांग जनों के लिए विकलांग छात्रवृत्ति योजना का प्रावधान किया गया है, ताकि उन्हें पढ़ाई के लिए किसी और का मुंह देखने की जरूरत ना पड़े।  उन्हें छात्रवृत्ति के रूप में वित्तीय राशि देकर सहायता का प्रावधान किया गया है।

विकलांग सशक्तिकरण योजना के तहत विकलांगों के लिए सरकार की ओर से विभिन्न बैंकों के माध्यम से लोन का भी प्रावधान किया गया है। ऐसा इसलिए ताकि वह अपना स्वरोजगार शुरू करने में सक्षम हो सकें और बेहतर तरीके से अपना जीवन यापन कर सकें।

दिव्यांग जनों को अपने रोजमर्रा की जरूरत पूरी करने में किसी तरह की दिक्कत का सामना ना करना पड़े, इससे देखते हुए सरकारी नौकरियों में उनके लिए कोटे की व्यवस्था की गई है। वह अपने निर्धारित प्रमाण पत्र संलग्न कर और नौकरी के लिए आवश्यक पात्रता पूरी करके इस कोटे का लाभ उठा सकते हैं।

बिहार विकलांग सशक्तिकरण योजना के तहत विकलांगों के लिए सरकारी बसों और ट्रेनों में निशुल्क यात्रा की भी व्यवस्था की गई है। इसके लिए बसों और ट्रेनों में सीटों का कोटा भी निर्धारित किया गया है। इन सीटों पर अन्य सवारियों को बैठने की अनुमति नहीं होती।

बिहार विकलांग सशक्तिकरण योजना के अंतर्गत विकलांगों के लिए विशेष विद्यालय स्थापित किए जाने का भी प्रावधान किया गया है। इसमें उनकी शिक्षा की व्यवस्था के साथ ही रोजगार और स्व रोजगार के लिए स्किल डेवलपमेंट की भी व्यवस्था की जाएगी।

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