सम्बन्ध को जोड़ना
एक कला है,
लेकिन
“सम्बन्ध को निभाना”
एक साधना है
जिंदगी मे हम कितने सही और कितने गलत है,
ये सिर्फ दो ही शक्स जानते है..
“ईश्वर “और अपनी “अंतरआत्मा”
*और हैरानी की बात है कि दोनों नजर नहीं आते…
???? सुप्रभात????
????आप का दिन शुभ हो????