शिकवे मुझे भी जिंदगी से है साहब,पर मौज में जीना है

शिकवे मुझे भी जिंदगी से है साहब,

पर मौज में जीना है इसलिए शिकायते नहीं करता!”

न रुकी वक़्त की गर्दिश और न ज़माना बदला,

पेड़ सुखा तो परीन्दो ने ठिकाना बदला ।।।…

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