उम्मीदें तैरती रहती हैं,* *कश्तीयां डूब जाती है,* *कुछ घर सलामत
*उम्मीदें तैरती रहती हैं,*
*कश्तीयां डूब जाती है,*
*कुछ घर सलामत रहते हैं,*
*आँधियाँ जब भी आती है..!!*
*बचा ले जो हर तूफां से,*
*उसे “आश” कहते हैं…*
*बड़ा मज़बूत है ये धागा,*
*जिसे “विश्वास” कहते है…!!*
*🙏🌹शुभ प्रभात 🌹🙏*