उम्मीदें तैरती रहती हैं,* *कश्तीयां डूब जाती है,* *कुछ घर सलामत

*उम्मीदें तैरती रहती हैं,*
*कश्तीयां डूब जाती है,*
*कुछ घर सलामत रहते हैं,*
*आँधियाँ जब भी आती है..!!*

*बचा ले जो हर तूफां से,*
*उसे “आश” कहते हैं…*
*बड़ा मज़बूत है ये धागा,*
*जिसे “विश्वास” कहते है…!!*

*????????शुभ प्रभात ????????*

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